जो स्वयं मीठे है दिल के सच्चे है ,उन्ही की मीठी आवाज़ बाबा तक पहुँचती है |
मीठी बोली, मीठी जुबान, मकरसंक्रांति, का है ये ही, पैगाम |
मीठी बोली, मीठी जुबान, ते मीठे ही पकवान, मेरी तरफ से आपको लोहरी का यही शुभ पैगाम |